आख़िर तू है कौन?
तू राधा नहीं,तू रुक्मणी नहीं,तो आख़िर तू है कौन? तेरा प्यार आधा भी नहीं,तेरी दोस्ती अधूरी भी नहीं,तो आख़िर तू है कौन? क्या सब कुछ कह देने से,ही सब कुछ होता है?या बिना कुछ...
तू राधा नहीं,तू रुक्मणी नहीं,तो आख़िर तू है कौन? तेरा प्यार आधा भी नहीं,तेरी दोस्ती अधूरी भी नहीं,तो आख़िर तू है कौन? क्या सब कुछ कह देने से,ही सब कुछ होता है?या बिना कुछ...
An introspecting poem on hope, new morning and new direction or whether there will be only darkness.
पंडित जी की तोंद आज पड़ोस में फिर कोई मराऔर फिर शुरू हुआ गरुड़ पुराण,हर पन्ने पर था सिर्फ़ब्राह्मण को दान ब्राह्मण को दान,पंडित जी की तोंद थी गजबपुराण के पन्ने जाएं चपक,दान का...
दो सलामी बल्लेबाज़ जब हाथ थाम पहला कदम चलना सिखाया था,तब ये भी सीखा देते जब ये हाथ ना सर पर होगा,जब कंधे पर बिठा सारा जग दिखाया था,तब कन्धा देना भी सीखा देते,जब...
Human, MBA, Business Consultant, Actor, Software Engineer, Writer, Blogger, Joker, Humorous and fun loving, interested in sports and loves dancing...